मानवीय हानि/घायल होने पर क्षतिपूर्ति दावा
जीवन के नुकसान की क्षतिपूर्ति किसी भी राशि द्वारा नहीं की जा सकती है. क्षतिपूर्ति के दावों के लिये भारतीय रेल पर आवश्यक प्रावधान होने के उपरांत भी भारतीय रेल यह चाहती है कि रेल पर किसी भी प्रकार की कोई भी घटना या क्षति न हो, सदैव ध्यान रखें :-
·गाडी के दरवाजों पर खडे होकर कभी यात्रा न करें.
·गाडी की छत पर कभी यात्रा न करें.
·चलती हुई गाडी पर चढने या उतरने की कोशिश न करें.
·बीना चौकीदार वाले समपार फाटकों को पार करने से पूर्व दायें व बायें देखें.
·बंद समपार फटकों को जबरदस्ती पार करने की कुचेष्टा न करें.
आपकी जानकारी के लिये उपरोक्त सभी, दुर्घटना या अनापेक्षित घटना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति दावे दिये जाने के लिये संज्ञान में नहीं ली जाती हैं
प्रभावित कौन है:-
रेल्वे अधिनियम 1989 की धारा 124 के अंतर्गत परिभाषित ऐसे यात्री जो किसी दुर्घटना से प्रभावित है या धारा 124-ए के अनुसार अनापेक्षित घटना से प्रभावित यात्री/व्यक्ति जन हानि के लिये क्षतिपूर्ति का अधिकारी है A
दावा कौन कर सकता है:
दावा करने वाला घायल व्यक्ति स्वंय या घटना में मृत /घायल व्यक्ति का वैधानिक वारिस या अधिकृत एजेंट हो सकता है A
आवेदन कहॉ कर सकते हैं :-
आवेदक, उसका वैधानिक एजेंट या फिर आवेदक द्वारा अधिकृत कानूनी एड्वोकेट दावा संबंधित आवेदन को तीन प्रतियों में दावा अधिकरण के रजिस्ट्रार के समक्ष देनी होगी A दावा अधिकरण के रजिस्ट्रार को आवेदन देने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि आवेदक के रहने का स्थान या वह स्थान जहॉ से यात्री ने अपना रेल यात्रा टिकिट खरीदा हो या वह स्थान जहॉ घटना/अनापेक्षित घटना घटित हुई हो या गंतव्य स्टेशन उस दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र में आता है A आवेदन को रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा भी संबंधित बैंच के रजिस्ट्रार को प्रेषित किया जा सकता है A
क्षतिपूर्ति हेतु कैसे आवेदन करना है :-
आवेदक, उसका वैधानिक एजेंट या फिर आवेदक द्वारा अधिकृत कानूनी एड्वोकेट दावा संबंधित आवेदन को फार्म -२ के रुप में तीन प्रतियों में दावा अधिकरण के रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत करना होगा Aआवेदन को रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा भी संबंधित बैंच के रजिस्ट्रार को प्रेषित किया जा सकता है A
ऐसी परिस्थिति में जब उत्तरवादी एक से ज्यादा हों तो यदि संभव हो आवेदन की उतनी अतिरिक्त कॉपी जितने उत्तरवादी हैं फाईल साईज के खाली लिफाफे उत्तरवादियों के पूरे पते के साथ आवेदक द्वारा स्ंपादित की जानी चाहिये A
आवेदक को अपने आवेदन के साथ फार्म -४ मे एक प्राप्ति रसीद भी देनी चाहिये जो आवेदन प्राप्ति के पश्चात रजिस्ट्रार द्वारा पावती के रुप में प्रतिहस्ताक्षरित की जावेगी A
प्रत्येक आवेदन के साथ यदि कोई और अन्य आवेदन भी है तो ऐसे सभी आवेदन पठनीय भाषा में दोहरा स्पेस देते हुये अच्छी क्वालिटी के पेपर पर अंकित (टाईप) होने चाहिये A
क्षतिपूर्ति के लिये दावे करते समय दिये जाने वाले आवेदन के लिये कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता हैA
रेल दावा अधिकरण में दावा फाईल करते समय निम्न लिखित जानकारियों की आवश्यकता है:-
1 . नाम और मृत घायल व्यक्ति / ( विवाहित महिला या विधवा के मामले में पति का नाम ) के पिता का नाम
2 . घायल / मृतकों का पूर्ण पता
3 . मृत घायल व्यक्ति / की आयु .
4 . मृत घायल व्यक्ति / का व्यवसाय.
5 . यदि कोई हो , नाम और मृतक के नियोक्ता का पता.
6 . तारीख और जगह दुर्घटना की और संकेत है दुर्घटना का संक्षिप्त ब्योरा ट्रेन का नाम शामिल किया गया.
7 . जहाँ तक मालूम है यात्रा की श्रेणी और टिकट / पास संख्या.
8 . चोटों की प्रकृति चिकित्सा प्रमाण पत्र के साथ.
9 . चिकित्सा अधिकारी जिसने मृत/ घायल व्यक्ति की जांच की थी का नाम एवं पता
तथा चिकित्सा की अवधि.
10. दुर्घटना के कारण किसी कार्य के लिए हुई विकलांगता(यदि कोई हो तो).
11 . दुर्घटना के कारण किसी भी सामान के नुकसान का विवरण.
12 . किसी भी दावे किसी अन्य प्राधिकारी के साथ दर्ज की गई है? हां, तो तत्संबंधी
ब्यौरे दें.
13 . नाम और आवेदक का स्थायी पता .
14 . आवेदक का स्थानीय पता, यदि कोई हो .
15 . मृतक / घायल के साथ रिश्ता.
16 . मुआवजे की राशि का दावा किया.
17 . यदि आवेदन दुर्घटना होने की एक वर्ष की अवधि मे नहीं प्रस्तुत किया गया हो
तो विलम्ब का कारण.
18 . दावे के निपटान में आवश्यक या उपयोगी हो सकता है किसी भी अन्य जानकारी
या दस्तावेजी सबूत.
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दस्तावेजों की सूची जिनसे ट्रिब्यूनल द्वारा दावों के शीघ्र न्याय निर्णयन की सुविधा होगी:
1 . मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट पोस्ट.
2 . मृत्यु / चोट के मामले में एफआईआर की कॉपी.
3 . यात्रियों से लगातार चोटों का विवरण दर्शाते हुए मेडिकल रिपोर्ट.
4 . एक यात्री की मौत के मामले में जिला प्रशासन से मृत्यु प्रमाण पत्र.
5 . मौत के मामले में दायादता शीर्षक.
6 . यदि उपलब्ध हो तो दुर्घटना / अप्रिय घटना की तिथि पर ट्रेन के यात्री के रूप में मृतक शिकार / की वास्तविक यात्रा का संकेत मिलता है के दस्तावेजी सबूत अन्यथा यात्रा की कक्षा टिकट / पास सं.
अंतरिम राहत चाहते हैं !
किसी दुर्घटना या अनापेक्षित घटना के दावे से संबंधित यदि कोई प्रकरण अंतिम निपटारे हेतु लंबित है, तो ऐसे प्रकरणों में रेल प्रशासन दावाकर्ता व्यक्ति को अंतरिम राहत देने के उद्देश्य से एक तय राशि देने के लिये अधिकृत है, यदि इस तरह की राशि प्रदान किये जाने हेतु कोई आवेदन दावाकर्ता से प्राप्त हुआ है, यह राशि दावाकर्ता द्वारा उसके समक्ष आये आकस्मिक खर्चों की भरपाई में सहायक सिद्ध होगीAअंतरिम राहत के रुप में दी गयी राशि का समायोजन रेल दावा अधिकरण द्वारा दिये गये अंतिम भुगतान की राशि में से किया जायेगाA
फाटक पर दुर्घटना:
समपार फाटकों पर रेल गाडी एवं सड़क वाहनों के बीच हुई टक्कर मे यदि रेल यात्री हताहत नहीं हुए हो तथा रेल गाड़ी से कट कर मृत्यु को प्राप्त होने की स्तिथि मे रेल प्रशासन पर क्षतिपूर्ति का कोई दायित्व नहीं होता हैं. फिर भी इस तरह के प्रकरणों मे क्षतिपूर्ति हेतु Torts के कानून का सहारा लिया जा सकता है.
मानवरहित समपार फाटकों में हताहतो को कोई अनुग्रह राशि नहीं दी जाती है.