पश्चिम मध्य रेलवे धरोहर पोर्टल
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जब भी हम किसी नगर या शहर में पहली बार यात्रा करते है, तब हम प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा सामाजिक-धार्मिक और सांस्कृतिक संरचनाओं के संग्रहालयों, महलों, किलों एवं प्राचीन अवशेषों को भी देखना नहीं भूलते है . यह हमारे अनंत अंतर्निहित खोजों से पता चलता है कि हमारे पूर्वजों, जो कि सत्तारूढ़ नेता, संरक्षक, अभियंता, कारीगरों या कारीगरों के समूह के संयुक्त प्रयासों के रूप में हो सकता है. पमरे के इस विरासत पेज में हम हमारे पूर्वजों के प्रयासों के लिए श्रद्धांजलि देना मानते है . कुछ शिलालेखों से ज्ञात होता है की इन विरासत चल एवं अचल को प्रस्तुत करने का प्रयास स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व किया गया है लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद में विरासत की कुछ वस्तुओं को स्वाभाविक रंगों से संवारकर चित्रण के द्वारा सतत रखने के लिए भी प्रयास किया गया है, इन वस्तुओं को बाम्बे, बड़ोदा और मध्य भारत रेलवे और ग्रेट इंडियन प्रायद्वीपीय रेलवे ने और अब पश्चिम रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा सुचारू रूप से किया गया था. यह हमारे इंजीनियरिंग के कौशल और विश्लेषणात्मक रूप से उपलब्ध संसाधनों द्वारा उपयोगकर्ताओं/ग्राहकों के लिए विकसित मौजूद वस्तुओं के साथ ब्रिटिश, भारतीय एवं प्रांतीय राज्य रेलवे के साथ तुलना एवं पहचान करने के लिए प्रोत्साहित करेगा . |

बाम्बे, बड़ोदा और मध्य भारत रेलवे
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ग्रेट इंडियन प्रायद्वीपीय रेलवे
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फोटो गैलरी
पुराने समय की स्टेशन बिल्डिंग
पमरे में पुराने समय के पुल
पुराने समय में प्रचलित उपकरणों